अब मतदान प्रक्रिया होगी और भी पारदर्शी, सहज एवं सुरक्षित
सीवान।
19 फरवरी 2025 से 29 मई 2025 के बीच भारत निर्वाचन आयोग ने कुल 21 नई पहलें शुरू की हैं, जिनका उद्देश्य चुनावी व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, सुलभ और आधुनिक बनाना है। इन पहलों के माध्यम से मतदाता सुविधा में सुधार किया जाएगा, राजनीतिक दलों की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाएगा, चुनावकर्मियों का प्रशिक्षण बेहतर बनाया जाएगा और डिजिटल संसाधनों का समन्वित उपयोग संभव होगा। इन पहलों से न केवल मतदान प्रक्रिया में लोगों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि लोकतंत्र की जड़ों को भी और अधिक मज़बूती मिलेगी।
बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता
प्रत्येक मतदान केंद्र पर अब अधिकतम 1200 मतदाता ही निर्धारित किए गए हैं, जिससे मतदान के समय लंबी कतार और भीड़ की समस्या कम होगी। इसके अलावा, बहुमंजिला इमारतों और घनी कॉलोनियों वाले इलाकों में अतिरिक्त मतदान केंद्र खोलने की व्यवस्था की गई है। इससे नजदीकी केंद्र तक पहुंचना आसान होगा और मतदान का दबाव समान रूप से विभाजित होगा।
वोटर इनफॉर्मेशन स्लिप में सुधार
वोटर इनफॉर्मेशन स्लिप को और अधिक स्पष्ट एवं उपयोगी बनाया गया है। अब इसमें मतदाता की भाग संख्या, क्रम संख्या और मतदान केंद्र का पूरा पता बड़े फॉन्ट में अंकित होगा, ताकि बूथ पर पहुंचकर मतदाता को अपने स्थान का तत्काल पता चल सके। इसमें हर संभव भ्रम दूर करने के लिए निर्वाचन क्षेत्र का नक्शा और सेंटर का मार्गदर्शन भी संलग्न रहेगा।
मृतकों के नाम हटाने की ऑटोमैटिक प्रणाली
मतदाता सूची में मृतक मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया अब रजिस्ट्रार जनरल, भारत के मृत्यु पंजीकरण डेटाबेस से सीधे जुड़कर पूरी तरह ऑटोमैटिक हो गई है। सत्यापन के बाद मृतकों के नाम स्वचालित रूप से मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे, जिससे डुप्लीकेट वोटिंग की संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी।
मतदान केंद्रों पर मोबाइल जमा सुविधा
मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक मतदान केंद्र के बाहर मोबाइल फोन जमा करने की व्यवस्था की गई है। इससे मतदान केंद्र के अंदर शांति बनी रहेगी और मतदाता बिना किसी चिंता के अपना वोट दे सकेंगे।
बूथ लेवल एजेंट्स के लिए विशेष प्रशिक्षण
बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) को अब केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त IIIDEM (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ आइडेंटिफिकेशन डिज़ाइन एंड इलेक्शन मैनेजमेंट) संस्थान में प्रशिक्षित किया जाएगा। पहले चरण में बिहार, तमिलनाडु व पुडुचेरी के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने का कार्य पूरा हो चुका है। यह प्रशिक्षण मतदान केंद्र की कार्यप्रणाली, मतदाता सेवा एवं शिकायत निवारण जैसी प्रक्रियाओं पर केंद्रित होगा।
प्रचार बूथ की दूरी में कटौती
मतदान केंद्रों के आसपास अराजकता एवं भीड़-भाड़ को रोकने के लिए उम्मीदवार या राजनीतिक दल अब केवल 100 मीटर की दूरी पर ही प्रचार बूथ लगा सकेंगे। पहले यह सीमा 200 मीटर थी। इस बदलाव से मतदान केंद्र के आसपास की शांति और सुरक्षा बनी रहेगी तथा मतदाता केंद्र तक पहुंचने में सहजता होगी।
ECINET—एकीकृत चुनावी प्रबंधन पोर्टल
अब चुनाव प्रबंधन से जुड़े 40 से अधिक अलग-अलग ऐप्स और वेबसाइट्स को बंद कर दिया गया है और उनकी सभी सुविधाएँ ‘ECINET’ नामक एक एकीकृत पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई हैं। इस पोर्टल के माध्यम से अभियान प्रबंधन, मतदाता पंजीकरण, शिकायत निवारण, प्रशिक्षण मॉड्यूल और रिपोर्टिंग—सभी सुविधाएँ एक ही जगह संचालित होंगी। चुनाव अधिकारियों के साथ-साथ आम मतदाता के लिए भी यह पोर्टल बेहद उपयोगी रहेगा।
यूनिक EPIC नंबर की व्यवस्था
डुप्लीकेट EPIC कार्ड की समस्या को दूर करने के लिए अब हर मतदाता को एक विशिष्ट EPIC (Electors Photo Identity Card) नंबर मिलेगा। इस नंबर की मदद से मतदाता की पहचान और अधिक सटीक होगी एवं किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की संभावनाएँ न्यूनतम हो जाएँगी।
28 प्रमुख हितधारकों की पहचान एवं प्रशिक्षण
मतदाता, प्रत्याशी, राजनीतिक दल, चुनाव अधिकारी, पर्यवेक्षक आदि कुल 28 प्रमुख हितधारकों की पहचान कर उन्हें चुनावी प्रक्रिया, नियमों एवं अधिनियमों के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस कदम से पूरे चुनाव चक्र में सभी पक्षों को उनकी भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ स्पष्ट हो सकेंगी।
बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) के लिए मानकीकृत पहचान पत्र
अब सभी बूथ लेवल ऑफिसर्स को एक समान स्वरूप का फोटो पहचान पत्र प्रदान किया जाएगा, जिस पर नाम, पद एवं कार्य क्षेत्र स्पष्ट रूप से अंकित होगा। इससे मतदाता और अन्य चुनाव कर्मचारी उनकी पहचान आसानी से कर सकेंगे और पारदर्शिता बनी रहेगी।