आंदर के रकौली HWC पर अब तक 7374 मरीजों का इलाज: गांव में मिल रही शहर जैसी स्वास्थ्य सुविधा
सीवान |
ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक मिसाल कायम करते हुए आंदर प्रखंड के रकौली पंचायत स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी), जिसे अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आम) कहा जाता है, पर अप्रैल 2023 से मई 2025 तक कुल 7374 मरीजों को प्राथमिक उपचार और स्वास्थ्य जांच की सुविधा दी जा चुकी है।
स्वास्थ्य सेवा का नया चेहरा बना रकौली एचडब्ल्यूसी
सीएचओ बबिता सिंह के नेतृत्व में इस सेंटर पर अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक 3580, अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 3140, अप्रैल 2025 में 368, और मई 2025 में अब तक 286 मरीजों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया गया है। यह आँकड़े बताते हैं कि ग्रामीणों का भरोसा इस केंद्र पर लगातार बढ़ रहा है।
अब गांव में ही शहर जैसी सुविधा
इस केंद्र पर मरीजों को शुरुआती जांच, मुफ्त दवा, स्वास्थ्य परामर्श और रेफरल की सुविधा दी जाती है। गंभीर रोगों से ग्रसित मरीजों को आवश्यकता पड़ने पर सीएचसी आंदर रेफर किया जाता है, लेकिन उनका फॉलोअप रकौली एचडब्ल्यूसी पर ही किया जाता है। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, दमा जैसे गैर-संचारी रोगों की नियमित दवाएं यहीं उपलब्ध कराई जा रही हैं
जन भागीदारी का मॉडल बना “जन आरोग्य समिति”
सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद के अनुसार, प्रत्येक एचडब्ल्यूसी पर जन आरोग्य समिति का गठन किया गया है जो स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी करती है और जनता की जरूरतों के मुताबिक सुझाव देती है। इससे पारदर्शिता और सहभागिता दोनों सुनिश्चित होती हैं।
क्या-क्या मिल रही सुविधाएं?
सीएचसी आंदर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. दीपक विश्वकर्मा ने बताया कि रकौली एचडब्ल्यूसी पर निम्न सेवाएं उपलब्ध हैं:
प्रसव पूर्व एवं नवजात देखभाल
किशोर स्वास्थ्य व परिवार नियोजन
टीबी, कुष्ठ, HIV, डेंगू, मलेरिया, हेपेटाइटिस की स्क्रीनिंग
डायबिटीज, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप की पहचान व इलाज
ENT, नेत्र, दंत एवं मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं
वृद्धावस्था स्वास्थ्य देखभाल
कुल 14 प्रकार की मुफ्त स्वास्थ्य जांच
“हर गांव तक पहुंचे गुणवत्तापूर्ण इलाज”
डॉ. दीपक ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि “अंतिम व्यक्ति तक मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण इलाज” पहुंचे। हर पंचायत में एचडब्ल्यूसी को इस तरह सशक्त किया जा रहा है कि लोगों को इलाज के लिए न तो शहर भागना पड़े, न ही जेब पर बोझ पड़े।