22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिसके बाद भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” नाम से पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू की। 7 मई की रात को भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के मुख्यालय शामिल थे। यह ऑपरेशन न केवल सटीकता के लिए बल्कि भारत के तकनीकी दमदारी का भी प्रतीक बना।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर की खासियत?
- लॉइटरिंग म्यूनिशन: बाज की तरह मंडराने वाला हथियार
भारत ने पहली बार “लॉइटरिंग म्यूनिशन” (Loitering Munition) का इस्तेमाल किया, जिसे “कामिकेज ड्रोन” भी कहा जाता है। यह ड्रोन लक्ष्य के ऊपर घंटों मंडराता है और सही समय पर सटीक हमला करता है। यह पारंपरिक मिसाइलों से ज्यादा लचीला है, क्योंकि यह हमले से पहले लक्ष्य की पुष्टि कर सकता है और नागरिक नुकसान कम करता है। - स्कैल्प और हैमर मिसाइल: दुश्मन के बंकरों को चकनाचूर
ऑपरेशन में फ्रांसीसी-ब्रिटिश स्कैल्प मिसाइल (250-560 किमी रेंज) और फ्रांस की हैमर मिसाइल (20-70 किमी रेंज) का इस्तेमाल हुआ। स्कैल्प मिसाइलें राफेल जेट्स से दागी गईं, जो दुश्मन के बंकरों और मजबूत ढांचों को भेदने में माहिर हैं। - राफेल जेट्स: आसमान का बादशाह
राफेल जेट्स की 2202 किमी/घंटा की रफ्तार और 3700 किमी की रेंज ने पाकिस्तानी F-16 और JF-17 को पीछे छोड़ दिया। एक राफेल जेट 6 हैमर मिसाइलें ले जा सकता है, जिससे यह एक साथ कई टारगेट्स को नष्ट कर सकता है।
ऑपरेशन का असर: पाकिस्तान में अफरा-तफरी, भारत में उड़ानें रद्द
- पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: पाकिस्तान ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया और आपातकाल घोषित किया। उसने दावा किया कि भारत ने 24 हमले किए, जिसमें 8 लोग मारे गए, लेकिन भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
- भारत में यातायात प्रभावित: श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर समेत उत्तरी भारत के कई हवाई अड्डे बंद कर दिए गए। एयर इंडिया और इंडिगो ने 100+ उड़ानें रद्द कीं।
- शेयर बाजार पर असर: भारत-पाक तनाव के बीच सेंसेक्स 700 अंक लुढ़का, लेकिन बाद में रिकवरी हुई। सोने की कीमतें ₹97,830/10 ग्राम तक पहुंच गईं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- अमेरिका और इजराइल: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “हमें ऑपरेशन की जानकारी थी।” इजराइल ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया।
- संयुक्त राष्ट्र: यूएन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की और कहा कि दुनिया भारत-पाक युद्ध के लिए तैयार नहीं है 5।
- सऊदी अरब और रूस: भारत ने इन देशों को ऑपरेशन की जानकारी दी, जिससे कूटनीतिक समर्थन मजबूत हुआ।
क्यों खास है ऑपरेशन सिंदूर?
- आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट संदेश: यह ऑपरेशन भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति को दर्शाता है। पहलगाम हमले के 15 दिनों के भीतर जवाबी कार्रवाई ने दुनिया को बताया कि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।
- तकनीकी श्रेष्ठता: लॉइटरिंग म्यूनिशन और स्कैल्प मिसाइल जैसे हथियारों ने भारत की सैन्य क्षमता को ग्लोबल स्टेज पर स्थापित किया।
- राजनीतिक एकता: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पवन खेड़ा सहित विपक्ष ने सेना के साथ खड़े होकर राष्ट्रीय एकजुटता दिखाई।
भविष्य पर असर: क्या बदलेगा भारत-पाक समीकरण?
- आतंकवाद पर अंकुश: ऑपरेशन से पाकिस्तान में आतंकी संगठनों को बड़ा झटका लगा है। भारत ने संदेश दिया है कि वह सीमा पार हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
- अंतरराष्ट्रीय दबाव: अमेरिका और यूएन की प्रतिक्रियाएं बताती हैं कि वैश्विक समुदाय भारत के साथ खड़ा है, लेकिन तनाव बढ़ने से बचना चाहता है।
- सैन्य रणनीति में बदलाव: भविष्य में ड्रोन और स्मार्ट मिसाइलों का इस्तेमाल बढ़ सकता है, जिससे सैन्य ऑपरेशन और सटीक हो जाएंगे।
यह ऑपरेशन न केवल आतंकवाद के खिलाफ जीत है बल्कि भारत की तकनीकी और रणनीतिक क्षमता का प्रमाण भी। जैसे 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक ने इतिहास रचा, वैसे ही ऑपरेशन सिंदूर भारत की “न्यू एज वॉरफेयर” रणनीति की शुरुआत है।