Competition for women to learn biking in Siwan

सीवान में महिलाओं की बाइक सीखने की होड़

सुबह 5 बजे ही पहुंच रहीं महिलाएं, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए लिया मजबूत फैसला

सीवान।
शहर की सड़कों पर अब महिलाएं भी रफ्तार भरने को तैयार हैं। सुबह 5 बजे से ही पुलिस लाइन में महिलाओं की भीड़ बाइक चलाना सीखने के लिए जुटने लगी है। सिर पर हेलमेट, चेहरे पर आत्मविश्वास और मन में आजादी की चाह — यह दृश्य सीवान के बदलते सामाजिक परिवेश को दर्शाता है।

नौकरी, पढ़ाई और आत्मरक्षा बना कारण

कुछ महिलाएं नौकरी के लिए बाइक सीख रही हैं, तो कुछ छात्राएं कॉलेज और कोचिंग जाने की मजबूरी को देखते हुए। वहीं कई महिलाएं कहती हैं कि बाइक चलाना आत्मरक्षा का सबसे आसान उपाय है — इससे वे ज्यादा स्वतंत्र और सुरक्षित महसूस करती हैं।

बाइक की आवाज़ से गूंजने लगा पुलिस लाइन

जहां पहले पुलिस लाइन शांत नजर आती थी, अब वहां सुबह-सुबह बाइक स्टार्ट होने की आवाजें गूंजती हैं। प्रशिक्षक महिलाओं को संतुलन, ब्रेकिंग और ट्रैफिक नियमों की गंभीर ट्रेनिंग दे रहे हैं। सीखने का यह उत्साह देखकर लग रहा है जैसे सीवान की महिलाएं बदलाव की अगुआई कर रही हों।

सशक्तिकरण की मिसाल बनी यह पहल

यह पहल महिलाओं को सिर्फ दोपहिया चलाना नहीं सिखा रही, बल्कि आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनना भी सिखा रही है। पारंपरिक सोच को तोड़ते हुए महिलाएं अब ‘मैं भी कर सकती हूं’ की भावना को साकार कर रही हैं।

इस अभियान को पुलिस विभाग का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में सीवान की यह पहल अन्य जिलों के लिए प्रेरणा बनती जा रही है।

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